नींद में सोया बच्चा

कौन है झूठा कौन यहां पर सच्चा है,
इसीलिए खुद से ही मिलना अच्छा है,
सब उलझे हैं रंग बिरंगी दुनिया में,
अपना दिल तो नींद में सोया बच्चा है,

वो खुश हैं, वो सब चालों से वाकिफ हैं,
आज ज़माना  उनके ही मनमाफिक है,
कल क्या होगा इसकी उनको ख़बर नहीं,
धोखा देने वाला मन का कच्चा है ।

आज जो पद या पदवी तुम्हें रिझाती है,
कल वो किसी और की भी, हो जाती है,
मत भूलो दो चार दिनों की खुशियां हैं,
विजय होगा वही जो मन से सच्चा है ।

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