आपको परहेज़ क्यूँ है ?
मीठे से परहेज़ रखना
है समझ आता मग़र ,
सबसे मीठा बोलने में
आपको परहेज़ क्यूँ है ?
साथ चलने से सफ़र
होता बड़ा आसान है ,
साथ चलने से भला फिर
आपको परहेज़ क्यूँ है ?
आपने देखी है दुनिया
अपनी नज़रों से मग़र ,
फिर नज़र हमसे मिलाने में ,
आपको परहेज़ क्यूँ है ?
आपने अपनी कसौटी में
सबको परखा है मग़र ,
पर कभी खुद को परखने में ,
आपको परहेज़ क्यूँ है ?
आपके सब कायदे
होंगे सही, सबसे अलग ,
पर उसे खुद मानने में,
आपको परहेज़ क्यूँ है ?
आपके चेले चतुर
कहते "गुरु" हैं आपको ,
अब गुरु सिद्धांत से फिर,
आपको परहेज़ क्यूँ है ?
- सुधीर भारद्वाज

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