आपको परहेज़ क्यूँ है ? मीठे से परहेज़ रखना है समझ आता मग़र , सबसे मीठा बोलने में आपको परहेज़ क्यूँ है ? साथ चलने से सफ़र होता बड़ा आसान है , साथ चलने से भला फिर आपको परहेज़ क्यूँ है ? आपने देखी है दुनिया अपनी नज़रों से मग़र , फिर नज़र हमसे मिलाने में , आपको परहेज़ क्यूँ है ? आपने अपनी कसौटी में सबको परखा है मग़र , पर कभी खुद को परखने में , आपको परहेज़ क्यूँ है ? आपके सब कायदे होंगे सही, सबसे अलग , पर उसे खुद मानने में, आपको परहेज़ क्यूँ है ? आपके चेले चतुर कहते "गुरु" हैं आपको , अब गुरु सिद्धांत से फिर, आपको परहेज़ क्यूँ है ? - सुधीर भारद्वाज