ऐसा उपकार कौन सा है जो गुरु ने हमपर किया नहीं


ऐसा उपकार कौन सा है जो गुरु ने हमपर किया नहीं ।
जरा दिल पर हाथ रखो सोचो, क्या गुरु ने हमको दिया नही ,

जब हम थे नरपशु, अधम, हीन , दुर्भाग्य हमारा बलशाली,
तब शुभ कर्मों का था अभाव,जन्मों से गागर थी खाली ,
थे अनगिन पाप चढ़े सिर पर, क्या होता हमको पता नही,
ऐसा उपकार कौन सा है जो गुरु ने हमपर किया नहीं । 

हम थे अनगढ़, पत्थर जैसे, बेकार राह पर पड़े हुए।
जब जीवन लक्ष्य नहीं था कुछ, ठहरे पानी से सड़े हुए,
गुरु ही थे ऐसे शिल्पकार, छोड़ी गढ़ने में कसर नहीं,
ऐसा उपकार कौन सा है जो गुरु ने हमपर किया नहीं । 

उनका था सर पर हाथ सदा, तब ही तो हमको मान मिला,
हममें कमियां थीं भरी हुई पर देवों सा सम्मान मिला,
फिर हम सबकुछ क्यो भूल गए ,आभार हृदय से किया नहीं,
ऐसा उपकार कौन सा है जो गुरु ने हमपर किया नहीं । 

वे वानर भालू अच्छे थे, उनके जीवन शुभ, सफल  हुए ,
सर्वस्व राम को अर्पित कर सेवा में तपकर प्रखर हुए,
सबकुछ चरणों में चढ़ा दिया, फिर कुछ असमंजस किया नहीं,
ऐसा उपकार कौन सा है जो गुरु ने तुमपर किया नहीं ।






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