ध्वज हमारे राष्ट्र का सिरमौर

यह ध्वज हमारे राष्ट्र का सिरमौर है सम्मान है,
इसके लिए न जाने कितने हो चुके बलिदान हैं।


हमने चढ़ाया शीश पर इसको सदा फहराया है, 
अनगिनत दृढ़ हाथों ने इसको सदा लहराया है,
रंग केसरिया का इसमे इसलिए स्थान है,
यह ध्वज हमारे राष्ट्र का सिरमौर है सम्मान है।


निष्कपट, छलहीनता, बेदाग मन व्यवहार है
शौर्य तो फैला क्षितिज तक पर सौम्यता आधार है,
श्वेत ध्वज के मध्य रखना शान्ति की पहचान है,
यह ध्वज हमारे राष्ट्र का सिरमौर है सम्मान है।

हमने समृद्धि की राहें श्रम की पूजा से निकाली,
इसलिये हम चाहते हैं, सब के घर हो शुभ दीवाली,
रंग हरा उपजाऊ धरती का सहज अनुमान है,
यह ध्वज हमारे राष्ट्र का सिरमौर है सम्मान है।

भिन्न मत को मानकर भी साथ सब रहते जहाँ,
अनगिनत पथ आस्था के, धर्म के मिलते यहाँ,
चक्र में चौबीस गुण और धर्मों का स्थान है,
यह ध्वज हमारे राष्ट्र का सिरमौर है सम्मान है।

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